आसमान गिर रहा है

 एक समय की बात है एक घने जंगल में चिम्पू नाम का खरगोश रहता था वह जंगल का सबसे डरपोक जानवर था और जंगल के जानवर यह बात जानते भी थे। वह किसी भी तरह की आवाज सुनकर बुरी तरह कांपने लगता था। जानवरों ने कई बार चिम्पू से अपना डरपोक स्वभाव छोड़ने को कहा था। लेकिन चिम्पू डरपोक ही बना रहा था।  एक दिन भोजन करने के बाद चिम्पू आम के एक पेड़ की छाया में लेटा हुआ था। जल्दी ही वह गहरी नींद में सो गया। तभी पेड़ से एक पका हुआ आम टूटकर चिम्पू के सिर पर जा गिरा। सिर से टकराकर वह भूमि पर गिरा और एक ओर लुढ़क गया। उधर चिम्पू सिर पर आम गिरते ही हड़बड़ाकर उठ गया। वह यह नहीं देख पाया था कि उसके सिर पर गिरा क्या है वह बड़ी हैरानी से इधर उधर देखने लगा लेकिन कुछ भी समझ पाने में नाकाम रहा। तभी चिम्पू को ख्याल आया कि जरूर आसमान का ही कोई हिस्सा टूटकर उसके सिर पर आ गिरा है बिना सोच समझे वह जोर जोर से चिल्लाने लगा अरे भागो आसमान गिर रहा है अपनी जान बचाओ भागते भागते वह टीकू गिलहरी के पेड़ के पास से गुजरा चिम्पू की बात सुनकर टीकू गिलहरी भी डर गई। बिना सोच समझे उसने अपनी मूंगफलियां बांटी और वहां से भाग निकली। उसने चिम्पू से यह पूछने की जरूरत न समझी कि आखिर बात थी क्या। उस पेड़ पर बैठी चिड़ियों ने भी चिम्पू की बात सुन ली थी। वे भी ची ची करती हुई चिम्पू के पीछे भाग गई। भागो भागो आसमान गिर रहा हैं चिल्लाते हुए वह बारात लोमड़ियों और भेड़ियों के पास से गुजरी। वे भी उनके पीछे भाग गई। उन्होंने भी उन लोगों की बात की जाँच करने की कोई जरूरत नहीं समझी। थोड़ी ही देर में इन सभी पशु पक्षियों का झुंड जेबरा के समूह के पास से गुजरा। इतने सारे जानवरों को भागता हुआ देखकर जेबरा ने आश्चर्य के साथ चिड़ियों से पूछा क्या हुआ चिड़िया चिल्लाई अरे ऐसे ही यहां खड़े रहोगे तो सब मारे जाओगे। आसमान गिर रहा हैं। सीधा तुम्हारी खोपड़ी पर गिरेगा। चिड़ियों की बात सुनकर जेबरे बहुत घबराए और वे भी उन सबके साथ दौड़ने लगें। जल्दी ही जंगल के लगभग सभी जानवर उस झुंड के साथ साथ भागने लगे। हिरन,जिराफ, तेंदुए, चीते, हाथी, गैंडे, सभी चिम्पू के साथ भाग रहे थे तभी चिम्पू चिल्लाया हम सब शेर महाराज भीषण सिंह के पास चलते हैं जानवरों ने तुरंत चिम्पू की बात मान ली। उसी के पीछे तो वे सब दौड़ रहे थे। वे सब बेतहाशा भीषण सिंह के घर की ओर दौड़ने लगे। उस समय भीषण सिंह अपनी गुफा में लेटा हुआ संगीत सुन रहा था। अचानक बहुत से जानवरों के एक साथ दौड़ने भागने की आवाज सुनकर वह परेशान हो गया और गुफा से बाहर निकल आया। तब तक जानवर भी वहा आ पहुंचे थे शेर ने गरजकर उनसे पूछा क्या हुआ तुम सब इतने डरे हुए क्यों हो। चिम्पू तुरंत हांकते हुए बोला महाराज हम सब सुरक्षित स्थान खोज रहे हैं। शायद आपको पता नहीं कि आसमान गिर रहा हैं हम सबका जीवन खतरे में हे। यदि आप भी जान बचाना चाहते है तो हमारे साथ आइए। 

क्या कह रहे हों तुम भीषण सिंह ने बड़े आश्चर्य के साथ पूछा आसमान गिर रहा हैं तुम्हे कैसे पता चला। 

मैं आम के पेड़ के नीचे सो रहा था। तभी वह मेरे सिर पर गिर पड़ा। चिम्पू ने बताया जिराफ क्या तुमने आसमान को गिरते देखा था। शेर ने जिराफ से पूछा। नहीं सरकार मुझे तो चिड़ियों ने बताया था जिराफ तुरंत बोला। क्यों चिड़ियों तुम्हारा क्या कहना है शेर ने चिड़ियों से पूछा। हमने भी देखा चिड़िया बोली हम तो चिम्पू के पीछे भाग निकली थीं। उनकी बात सुनकर भीषण सिंह मुस्कुराया। फिर उसने सभी जानवरों को अपने पीछे चलने का आदेश दिया। भीषण सिंह आम के उसी पेड़ के नीचे जा पहुंचा, जहां पहले चिम्पू लेटा हुआ था। उसने पेड़ के पास ही एक पका हुआ आम पड़ा देखा। उसे देखते ही वह सब कुछ समझ गया। उसने वह आम उठा लिया और सभी जानवरों को दिखाता हुआ बोला, यही वह आसमान हैं, जो चिम्पू के सिर पर गिरा था। पेड़ से यह पका हुआ आम गिरा और चिम्पू के सिर से टकराता हुआ एक और लुढ़क गया। यह डरपोक समझा कि आसमान का ही कोई टुकड़ा इसके सिर पर गिर पड़ा है। डरपोक तो यह हमेशा से रहा हैं और यह बात हम सब जानते है। लेकिन मैं तुम लोगो से पूछता हू। तुम लोग उसकी बातों में क्यों आ गए यह तो डरपोक है, डरपोक की तरह ही व्यवहार करेगा। लेकिन हाथी और तेंदुए से मुझे इस तरह की अपेक्षा नहीं थी। अगर ये भी ऐसे ही व्यवहार करेंगे, तब तो जंगल का प्रशासन चलना ही मुश्किल हो जाएगा। 

शेर की फटकार सुनकर सभी जानवर शर्मिंदा हो गए। उनसे शेर की बात का कोई जवाब देते नहीं बन रहा था। 

शिक्षा= सुनी हुई बातों पर जल्दी विश्वास मत करो। 


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