चतुर कबूतर

 बहुत समय पहले एक बहेलिया था जो पक्षी पकड़ने में बहुत कुशल था हर महीने वह जगल में पक्षी पकड़ने जाता था और उन्हें बाजार में बेचकर अपनी जीविका चलाता था एक दिन उसने जगल के ऊपर कबूतरों को उड़ते हुए देखा कितने सुंदर कबूतर हैं उसने सोचा अगली बार मैं इन्हीं को पकडूंगा इन्हें बेचने पर मुझे निश्चय ही अच्छे पैसे मिलेगे अगले महीना बहेलिया उन कबूतरों को पकड़ने के लिए पूरी तरह तैयार होकर जगल में गया इस बार वह अपने साथ ढेर सारा दाना और एक बड़ी जाल लेकर आया था उसने दानों को खुली भूमि पर डालकर जाल बिछाया और पास ही छिपकर कबूतरों के आने का इंतजार करने लगा 

जल्दी ही कबूतरों का झुंड वहां आ पहुंचा कबूतर उस समय बहुत भूखे थे और भोजन की तलाश में घूम रहे थे तभी एक युवा कबूतर की नजर भूमि पर बिखरे दानों पर पड़ी वह खुशी से चिल्लाया अरे अरे इधर देखो कितने सारे दाने भूमि पर बिखरे हुए पड़े हे आज तो यहां हमारे भोजन का पूरा प्रबंध हे उस कबूतर की बात सुनकर सारे कबूतर उसी और देखने लगे उन दानों पर नजर पड़ते ही वे भी बहुत खुश हुए उनके मुंह में पानी आ गया क्योंकि वे उन दानों को खाने के लिए खुश हो रहे थे उन कबूतरों में एक बूढ़ा और अनुभवी कबूतर भी था वह दानों को इस तरह खुले में बिखरे देखकर समझ गया कि कुछ तो कारण हे वह कबूतरों को रोकता हुआ चिल्लाया यह तो सोचो कि यहां जगल में इतने सारे दाने कहा से आ गय होगे मुझे तो लगता हे कि यह किसी बहेलिया का काम हो सकता हे उसने हमें फसाने के लिए यहां ये दाना डाले थे 

इन बुजुर्गवार को को तो हर जगह खतरा ही दिखाई देता है एक उत्साही कबूतर बोला खुदा ही जानता है इन्होंने कितनी बार हमें खतरे से बचाया हे मैं कहता हु इनकी बात पर ध्यान मत दो नहीं तो हम सब भूखे रह जाएंगे 

हा दूसरा कबूतर बोला भोजन सामने हऔर ये हमें खाने से रोक रहे हैं इनकी बात मत सुनो मुझे तो यहां कोई ख़तरा समझ नहीं आता कबूतरों ने नीचे की और गोता लगाया और भूमि पर उतरकर दाने चुगना शुरू कर दिया सिर्फ बूढ़ा कबूतर नीचे नहीं उतरा वह हवा में मंडराता रहा दाने चुगते समय कबूतरों को अहसास हुआ कि उनके पंजे किसी चीज में उलझ गए हे उनके पंजे बहेलिया द्वारा बिछाए जाल में फस गए थे इस प्रकार सारे कबूतर उस जाल में फस गए उन्होंने उस जाल से निकलने की बहुत कोशिश की लेकिन कामयाब नहीं हुआ अब तो वे सभी जोर जोर से चिलाने लगे और बूढ़े कबूतर को मदद के लिए पुकारने लगे उनकी चीख सुनकर बूढ़ा कबूतर तुरंत उतर आया उधर जाल में फस हुए कबूतर बूढ़े कबूतर की बात न मानने के लिए एक दूसरे पर आरोप लगा रहे थे 

बूढ़ा कबूतर उन्हें समझता हुआ बोला चुप रहकर मेरी बात सुनो अगर तुम इसी तरह आपस में झगड़ते रहे तो इस जाल में निकलने में कामयाब नहीं हो सकते लेकिन एक साथ कोशिश करने पर तुम इस जाल से छूट सकते हो तुम लोग मेरा संकेत पाते ही एक साथ पूर्व दिशा की ओर उड़ने लगना 

कबूतरों ने बूढ़े कबूतर की बात अच्छी समझ ली उधर झाड़ियां में छिपा हुआ बहेलिया अपनी सफलता पर खूब खुश हो रहा था उसे क्या पता था कि उसके सारे शिकार थोड़ी ही देर में वहां से भाग निकलेंगे वह अपने छिपने के स्थान से निकलकर जाल की ओर बढ़ा तभी बूढ़े कबूतर ने संकेत दिया ओर सभी कबूतरो ने एक साथ पंख फड़फड़ाने शुरू कर दिए जल्दी ही वे जाल समेत ही हवा में उठ गए बहेलिया की आँखें खुली की खुली रह गई उसने सपने में भी नहीं सोचा था कि कबूतर इस तरह जाल समेत उड़ जाएंगे वह चिल्लाता हुआ कबूतरों की ओर दौड़ा लेकिन तब तक कबूतर आकाश में काफी ऊपर उठ गए थे फिर वे तेजी से पूर्व दिशा की ओर उड़ने लगे बूढ़ा कबूतर आगे आगे उड़ता हुआ उन्हें रास्ता दिखाने लगा 

बूढ़ा कबूतर उन्हें अपने मित्र के बिल तक ले गया उसने एक बार उस चूहे की जान बचाई थी जिसका बदले उसने कभी भी उसकी मदद करने का वादा किया था चूहे ने अपने तेज दांतों से जाल को कुतर दिया जल्दी ही सारे कबूतर जाल से आजाद हो गए और खुले आसमान में चक्कर लगाने लगे 

शिक्षा= एकता में ही शक्ति हे 

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