चतुर मेमना

 एक समय की बात है एक घना वन था उसमें बहुत से पशु पक्षी रहते थे वहीं पर एक भेड़ भी रहती थीं उसके तीन बच्चे थे भेड़ जहां भी जाती बच्चे भी उसके साथ जाते। एक दिन भेड़ ने अपने बच्चों से कहा बच्चों एक में जगल में अकेली जा रही हु। वहां से मैं ताजी ताजी मुलायम घास लाऊंगी। तुम सब घर पर ही रजने बाहर मत जाना। दूसरा दुष्ट भेड़िया तुम्हे खा जाएगा भेड़ का सबसे छोटा बच्चा बहुत शरारती था वह छिपकर अपनी मां के पीछे पीछे चला गया पास में ही एक झील पड़ती थी झील किनारे हरि हरि झाड़ियां थी वह वहां हरि हरि कोमल पत्तियां खाने लग गया भेड़ आगे चली गई। वहीं झील के किनारे एक भेड़िया पानी पी रहा था उसने मेमने को देखा उसने सोचा आज मैं इसे जरूर खाऊंगा। वह धीरे धीरे भेड़ के बच्चे के पास गया उससे बोला कहो बेटे क्या कर रहे हो भेड़िया की आवाज सुनकर मेमने ने ऊपर देखा भेड़िये को देखकर वह बहुत डर गया डर के कारण वह कुछ नहीं बोल पाया। भेड़िया ने फिर कहा हरि हरि घास खा रहे हो खाओ खूब खाओ मै भी आज बहुत भूखा हु मैं तो आज तुम्हे खाऊंगा मेमना डरते डरते बोला मामा अभी तो मैं बहुत छोटा हु भेड़िया ने कहा मुझे छोटे बच्चे अच्छे लगते है। उनका मांस कोमल होता है। मेमना अपनी जान बचाने का उपाय सोचने लगा। उसने कुछ दूरी शिकारी कुते देखे थे यह सोचकर उसके दिमाग में एक उपाय सुझा। वह बोला मामा पहले मुझे एक गाना सुना दो। फिर मुझे खा लेना। मेमने की बात सुनकर भेड़िया खुश हो गया और बोला पर गाना तो मुझे नहीं आता। मैं गाऊ कैसे मेमने ने फिर कहा परन्तु मेरी मम्मी तो आपके गाने की बहुत प्रशंसा करती हैं। वह तो कहती है कि भेड़िया मामा बहुत अच्छा गाता है। यह सुनकर भेड़िया बहुत खुश हो गया। उसने आंखे बंद की और ऊंची आवाज में गाने लगा। उसकी आवाज ने शिकारी कुतो ने सुन लिया। वे सब उसी झील की और दौड़े। कुतो की आवाज सुनकर भेडीये ने अपनी आंखे खोली। अपने बिल्कुल पास शिकारी कुत्तों को देखकर वह घबरा गया। कुत्तों ने भेड़िया को पकड़ लिया। मेमना तेजी से अपने घर को भाग गया। इसी तरह मेमना ने अपनी जान बचाई 

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