चतुर बेटी
किसी गांव में एक किसान रहता था वह बहुत गरीब था उसका घर टूटा फूटा था वह बहुत सीधा सादा ओर ईश्वर का सच्चा भक्त था उसकी एक बेटी थी वह बहुत सुंदर और सुशील तथा चतुर थी अपनी गरीबी के कारण किसान उसे स्कूल भेज पाया लेकिन लड़की इतनी होशियार निकली कि अपने आप पढ़ने लिखने सिख लिया वह अपनी सहेलियों से किताबें ले लेती थीं और उनकी सहायता से उन्हें पढ़ती थी वह हर बात को बड़े ध्यान से सुनती थीं धीरे धीरे वह पढ़ने लिखने में कुशल हो गई यह देख कर उसकी सहेलियों को भी हैरान होने लगा उसने किताबों से बहुत सी अच्छी अच्छी बातें सीखी जैसे दूसरों से कैसे बोलना चाहिए दूसरों का मन कैसे जितना चाहिए और कब कितना बोलना चाहिए उसके साथ रहकर उसका पिता भी व्यवहार की बहुत सी बातें सीख गया था
एक दिन वह किसान राजा के दरबार में उपहार लेकर गया उसने राजा से बड़ी अच्छी तरह ओर बेझिझक बातचीत की राजा को किसान का ढंग बहुत अच्छा लगा उसे इस बात पर आश्चर्य हुआ उसने किसान से कहा में सोचता हूं कि तुम पाठशाल कभी नहीं गए होगे फिर तुम्हे इतनी सुंदर बाते ओर ऐसा व्यवहार किसने सिखाया
किसान ने कहा अन्नदाता ये बाते मैने अपनी बेटी से सीखी है
राजा ने सोचा वह लड़की जरूर बहुत चतुर होगी उसने लड़की की परीक्षा लेने की सोची उसने किसान को कुछ उबले हुए अंडे दिए और कहा ये अंडे अपनी बेटी को देना और कहना कि इनमें से बच्चे निकालो अगर वह ऐसा न कर सकी तो मैं तुम दोनों को जेल में डाल दूंगा
किसान दुखी मन से घर लौटा उसने अपनी बेटी को सारी बात बताई लड़की ने हंसकर कहा आप परेशान न हो राजा हमें जेल में नहीं डाल सकता वह हमारी परीक्षा ले रहा है हम उसकी बात का जवाब बुद्धि से देगे। लड़की ने अगले दिन सैम के बीज उबाले और उन्हें अपने पिता को देकर कहा इन बीजों को सड़क के किनारे वाले खेत में धीरे धीरे एक एक करके बोते जाना और जोर जोर से कहना मैं इन उबले बीजों को बो रहा हु जिससे बहुत अच्छी फसल पैदा हो जब राजा सुनेगा तो आपकी हंसी उड़ाएगा तब आप कहना कि जब उबले अंडों से बच्चे निकल सकते हैं तो उबले बीजों अच्छी फसल क्यों पैदा नहीं हो सकती
किसान ने वैसा ही किया अगले दिन वह उबले हुए बीजों को बो रहा था और जोर जोर से कह रहा था मैं इन उबले बीजों को बोकर अच्छी फसल पैदा करूंगा थोड़ी देर बाद राजा की सवारी उधर से निकली किसान की बात सुनकर राजा हंसकर बोला क्या पागल हो गए हो क्या उबले बीजों से कभी फसल पैदा हो सकती है
किसान बोला जरूर हो सकती है महाराज जब उबले अंडों से बच्चे पैदा हो सकते हैं तो यह उबले बीजों से फसल क्यों नहीं हो सकती राजा समझ गया कि यह उतर उसकी बेटी का ही दिया हुआ है वह उसकी चतुराई से बहुत प्रश्न हुआ और किसान की लड़की को अपनी रानी बनाने का निश्चय किया
जीवन मूल्य= शिक्षा एक अनमोल वस्तु है
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