अच्छी सलाह
एक नदी के तट पर हंसो का समूह रहता था पूरा दिन वे नदी में हँसी ठिठोली करते घूमते रहते थे उन्होंने अपने घोंसले तट पर ही स्थित एक ऊंचे व मजबूत बरगद के पेड़ पर बना हुआ था एक दिन समूह के सबसे बूढ़े हंस ने सारे हंसो को बुलाकर कहा मैने पेड़ की जड़ के पास ही एक बेल को उगते हुए देखा है उस बेल को तुरंत उखाड़ फेंकने की जरूरत है नहीं तो वह बेल पेड़ के तने का सहारा लेकर ऊपर तक आ जाएगी किसी शिकारी या सांप के लिए उस बेल का सहारा लेकर ऊपर तक आना बहुत आसान हो जाएगा हम सबकी सुरक्षा इसी में हैं कि उस बेल को तुरंत उखाड़ फेंकना चाहिए मैं काफी बूढ़ा हो गया हु और अकेले उस बेल को उखाड़ने की अब मुझमें हिम्मत नहीं है तुम लोग उस बेल को उखाड़ फेंक दो।
एक हंस बोला मेरे विचार से हमे उस छोटी सी बेल से घबराने की कोई जरूरत नहीं हे मुझे तो यही समझ में नहीं आता कि हमारे इतने बड़े झुंड को एक छोटी सी बेल से क्या खतरा पहुंच सकता है दूसरे हंस ने कहा तुम सही कहते हो व्यर्थ ताकत खर्च करने का कोई फायदा नहीं है जो बेल अभी छोटी तो हे उससे भला क्यों डरते हैं अगर खतरा होगा तो उससे निपट लिया जाएगा उन हंसो ने बूढ़े हंस की सलाह पर कोई ध्यान नहीं दिया और भोजन की तलाश में उड़ गए बूढ़ा हंस अकेला रह गया उसने सोचा छोटे हंस मेरी बात मान नहीं रहे मुझे पता है कि भविष्य में इस पेड़ पर रहना कितना खतरनाक होगा यह सोचकर वह बूढ़ा हंस पास में ही स्थित एक दूसरे पेड़ पर रहने लगा धीरे धीरे समय गुजरता रहा बेल खूब लम्बी और मजबूत हो गई बरगद के मजबूत तने का सहारा लेकर वह ऊपर की ओर बढ़ती गई। एक दिन एक बहेलिया पेड़ के पास से गुजरा उसने हंसो के घोंसले देख लिए उसने सोचा अभी कोई भी हंस आसपास नहीं है निश्चय ही वे भोजन की तलाश में गए हैं आज बढ़िया मौका हाथ लगा है इतने हंस पकडूंगा कि मेरा कई दिनों का काम आराम से चलेगा यह सोचकर वह बेल की सहायता से आसानी से पेड़ पर चढ़ गया और शाखाओं पर अपना जाल फैला दिया फिर वह उसी तरह पेड़ से नीचे उतर आया।
देर शाम हंस दिन भर की कठिन मेहनत के बाद अपने घोंसलों पर वापिस लौटे जल्दबाजी में उनकी नजर बहेलिए द्वारा फैलाए गए जाल पर नहीं पड़ी जैसे ही वे अपने घोंसलों की ओर बढ़े उस जाल में फस उन्होंने अपने पंख बहुत फड़फड़ाया लेकिन उस मजबूत जाल से बाहर नहीं निकल सके। अब तो वे डर से चिल्लाने लगे उन्हें अपनी गलती पर बहुत पछतावा हो रहा था पास के ही पेड़ पर वहीं बूढ़ा हंस आराम कर रहा था हंसो की पुकार सुनकर वह उनकी मदद के लिए भाग आया बूढ़े हंस को देखते ही हंस उससे माफी मांगते हुए बोले बूढ़े दादा हमें आपकी बात न मानने पर बहुत पछतावा है आज हम उसी का परिणाम भुगत रहे हैं एक बार हमें इस मुसीबत से बाहर निकाल दीजिए फिर हम कभी आपकी आज्ञा का उल्लंघन नहीं करेंगे बूढ़ा हंस बहुत ही बुद्धिमान और अनुभवी था उसने हंसो को उसे जाल से छुटने का एक ही तरीका बताया। अगली सुबह जब बहेलिए ने जाल को पेड़ से उतारा तो वह यह देखकर हैरान रह गया कि सारे हंस मर चुके है दरअसल वे जीवित थे और सिर्फ मरे होने का नाटक कर रहे थे लेकिन बहेलिया हंसो की चतुराई ने समझ सका। बहेलिए ने हंसो के पंजों को जाल से मुक्त करना शुरू किया। जैसे ही उसने आखिरी हंस के पंजे जाल से निकाले सभी हंस उड़ गए बहेलिया को बहुत धोखा हुआ ओर जोर जोर से चिलाने लगा बहेलिया नीचे बैठ गया और उन हंसो को देखते रह गया।
शिक्षा= हमें बड़े बूढों की बात को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
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