नीला सियार

 बहुत समय पहले एक घने जगल में एक सियार रहता था एक दिन वह भोजन की तलाश में भटकता हुआ पास के एक गांव में जा पहुंचा वहां वह आवारा कुतो की नजर में आ गया और उन्होंने उसे भगा दिया जान बचाने के लिए सियार एक घर में घुस गया वह घर एक रंगरेज के था घर के आंगन में नीले रंग के पानी से भरा एक ड्रम रखा हुआ था जल्दबाजी में सियार वह ड्रम देख नहीं पाया और उसमें गुर पड़ा काफी देर तक सियार ड्रम में ही घुसा रहा आवारा कुतो के वहां से चले जाने के बाद वह ड्रम से बाहर निकला इतनी देर तक रंग में घुसे रहने के कारण उसका रंग नीला हो गया था सियार भागता हुआ फिर जगल में जा पहुंचा जब जगल के अन्य जानवरो ने उसे देखा तो वे घबराकर इधर उधर भागने लगे उन्होंने पहले कभी किसी नीले सियार को नहीं देखा था उधर सियार को यह पता नहीं था कि उसका रंग बदल गया है खुद से जानवरों को डरते देखकर उसे बड़ी हैरानी हुई वह भागता हुआ नदी पर गया वहां उसने स्वच्छ पानी में अपने प्रतिबिंब को देखा अपना रंग नीला हुआ देखकर उसे बड़ी हैरानी हुई वह यह भी समझ गया कि जानवर उसे देखकर डर क्यों रहे थे सियार चालाक तो था ही वह फिर से जगल में जा पहुंचा और जानवरों को अपने पास बुलाता हुआ बोला प्यारे जानवरों मुझसे डरो मत में दरअसल ईश्वर का डॉ हु ईश्वर ने तुम सबकी सुरक्षा और संरक्षण के लिए मुझे यहां भेजा है तुम लोग मुझे अपना राजा स्वीकार करो और मेरे भोजन का प्रबंध करो मेरी सेवा करना तुम्हारा दायित्व है इसके बदले में देखभाल करूंगा 

ईश्वर द्वारा भेजे गए राजा को पाकर जानवर बहुत खुश हुए उन्होंने नीले सियार को तरह तरह के स्वादिष्ट भोजन कराए और उसे मूल्यवान तोहफे दिए इसी तरह बहुत दिन गुजर गए अब नीले सियार के मजे थे वह बेहद आरामदायक जीवन व्यतीत कर रहा था एक दिन नीला सियार बरगद के एक पेड़ के नीचे अपना दरबार लगाए बैठा था उसके दरबार में जगल के सारे जानवर मौजूद थे सभी जानवर सियार के सामने अपनी समस्याएं रख रहे थे और सियार उनकी समस्याओं का निपटारा कर था था उस पेड़ से कुछ ही दूर सियारो का एक समूह दावत कर रहा था उन्होंने एक बड़ा शिकार पकड़ा था और उस समय वे मजे से अपना पेट भर रहे थे उस दिन भरपेट भोजन मिलने के कारण वे बहुत खुश थे भोजन करने के बाद वे सब खुशी से हुआ हुआ करने लगे नीले सियार ने बहुत दिनों बाद अपने जातीभाइयों की खुशी से भरी हुआ हुआ सुनी थी मारे खुशी के वह अपने आप को रोक नहीं सका वह दौड़कर पास की एक चट्टान पर चढ़ गया और हुआ हुआ करने लगा 

दरबार में मौजूद जानवर अपने राजा की हरकत देखकर भौचक्के रह गए वहां हाथी खड़ा था वो गुस्से से आवाज निकाली साथियों इस दुष्ट को ईश्वर ने नहीं भेजा है यह एक सियार है और हमे ठगने के लिए यहां आया था यह तो अच्छा हुआ कि आज इसकी पोल खुल गई वरना यह पता नहीं कितने दिन हमें बेवकूफ बनाता था एक बंदर ने कहा तुम सही कह रहे हों यह ईश्वर का दूत नहीं हे इसने इतने दिनों हमारे साथ रहकर मुप्त के मजे उड़ाया शेर चिल्लाया इसने साजिश करके मेरे सिंहासन पर कब्जा कर लिया जानवरों हम इस ठग को जीवित नहीं छोड़ेंगे 

शेर की बात सुनते ही सारे जानवर सियार पर टूट पड़े और उसे चिर फाड़ डाला इस तरह सियार को अपने किए की सजा मिल गई 

शिक्षा=झूठ बहुत दिनों तक नहीं चलता 


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