कौआ की योजना

एक कौआ एक अशोक के पेड़ पर अपनी पत्नी के साथ घोंसला बनाकर रहता था एक दिन कोए की पत्नी ने अंडे दिए कौआ और उसकी पत्नी दोनों ही बहुत खुश थे लेकिन उनकी यह ज्यादा दिनों तक नहीं रही 
उन्हें पता नहीं था कि उसी पेड़ के नीचे एक सांप भी बिल बनाकर रहने लगा है कौआ दंपत्ति को रोज भोजन की व्यवस्था करने बाहर जाना पड़ता था एक दिन जब वे भोजन के लिए गए। हुए थे तभी सांप मौका पाकर पेड़ पर चढ़ गया और तीनों  अंडे खा गया जब कौआ दंपति वापस लौटे तो तीनों अंडों को गायब पाकर बहुत दुखी हुए कोए की पत्नी का तो बुरा हाल हो गया बड़ी मुश्किल से कोए ने उसे चुप कराया 
कुछ दिनों बाद कोए की पत्नी ने फिर अंडे दिए इस बार भी कोए और उनकी पत्नी ने बहुत उम्मीद बांध ली थी लेकिन उनके भाग्य में अभी बच्चो का सुख नहीं लिखा था इस बार कौआ दंपत्ति के सामने ही दुष्ट सांप ने उनके बच्चों को खा लिया और वे कुछ नहीं कर पाए सांप बहुत खतरनाक था और कोए चाहकर भी उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकते थे जब कोए सांप से नहीं निपट सके तो वे मदद मांगने के लिए अपनी पारिवारिक मित्र लोमड़ी के पास पहुंचे उन्होंने उसे अपनी सारी बात बताई और उसे मदद मांगी उनकी बात सुनकर लोमड़ी बड़ी गंभीरता से कुछ सोचने लगी आखिरकार उसने एक तरकीब खोज निकाली कौआ दंपत्ति को उसकी योजना बहुत पसंद आई लोमड़ी को धन्यवाद देकर वे अपने घर लौट आए उसका विश्वास था कि लोमड़ी की सलाह के बल पर अपने परम शत्रु सांप से निपट सकेंगे अगली सुबह वे नदी के उस तट पर पहुंच गए जहां उस राज्य की राजकुमारी प्रतिदिन स्नान करने के लिए आती थी थोड़ी ही देर में राजकुमारी वहां आ पहुंची उसके साथ कई सशस्त्र सैनिक भी थे राजकुमारी ने तट पर अपने सोने के आभूषण उतारकर रख दिए उसने सैनिको को उन आभूषणों की रखवाली करने की आज्ञा दी और स्वयं स्नान के लिए नदी में प्रवेश कर गई 
कोए तो इसी मौके का इंतजार कर रहे थे कोए की पत्नी ने बड़ी तेजी से नीचे की और झपट्टा मारा और कीमती हार अपनी चोंच में दबाकर उड़ गई कौआ भी उसके पीछे ही था सैनिकों ने शोर मचाते हुए कोओ का पीछा किया कोए तेजी से उड़ते हुए उसी पेड़ पर जा पहुंचे  जहां वे रहते थे कोए की पत्नी ने वह हार सांप के बिल पर फेंक दिया उस समय सांप अपने बिल में गहरी नींद में सो रहा था हार गिरने की आवाज से सांप की नींद खुल गई और वह फुंफकारता हुआ बिल से बाहर निकला तब तक राजकुमारी के सिपाही भी वहां पहुंच गए थे और सांप को गुस्सा आ गया और सैनिकों के ऊपर हमला करने लगा सैनिकों ने उसे घेर लिया और अपने भालों से उसे मार डाला सांप को मारने के बाद उन सैनिकों ने उसे वहीं गाड़ दिया फिर वे हार लेकर अपनी राजकुमारी के पास लौट गए हार वापिस पाकर राजकुमारी बहुत खुश हुई क्योंकि वह उसका पसंदीदा हार था उसने उन सैनिकों को पुरस्कार दिया सांप के मरने पर कौआ दंपत्ति बहुत खुश थे क्योंकि उस सांप ने उनका जीना हराम कर रखा था उन्होंने लोमड़ी के पास जाकर उसे सांप की मौत का समाचार दिया उसकी मदद के लिए उसे धन्यवाद दिया कुछ दिनों बाद कोए की पत्नी ने फिर कुछ अंडे दिए इस बार अंडों को खा जाने वाला सांप वहां नहीं था इसलिए कौओ के अंडे सुरक्षित रहे ठीक समय पर उन अंडों से कोओ के छोटे छोटे बच्चे निकल आए उन बच्चों के जन्म पर कौआ दंपत्ति ने खूब खुशी मनाई 
शिक्षा= बुद्धि के बल पर कठिनाइयों से पार पाया जा सकता है 

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