विश्वास का मूल्य
एक गांव में एक किसान अपने परिवार के साथ रहता था एक दिन वह एक शिशु नेवले को घर ले आया वह नेवला काफी घायल था और उसके घावों से खून बह रहा था किसान उस नेवले की मरहम पट्टी करने लगा तभी उसकी पत्नी वहां आ पहुंची और पूछने लगी यह नेवला कहा से लेकर आए
यह सड़क के किनारे घायल अवस्था में पड़ा हुआ था अब हम इसे अपने साथ ही रखेंगे किसान के हाल में ही एक बेटा पैदा हुआ वह ओर उसकी पत्नी पुत्र के साथ उस नेवले का भी पालन पोषण करने लगे जल्दी ही वह नेवला बड़ा हो गया किसान की पत्नी को हमेशा डर बना रहता था कि कही वह नेवला उसके बेटे को किसी तरह का नुकसान न पहुंचा दे
जब कभी वह अपने मन की बात अपने पति को बताती तो वह हंसता हुआ कहता यह सब तुम्हारा भ्रम हे नेवला बहुत वफादार होता है वह हमारे बेटे को अपने भाई के समान समझता हे नुकसान की तो दूर की बात हे वह तो इस किसी भी प्राणी को भी अपने रहते हुए हमारे बेटे पर हमला ने करने देगा
एक दिन किसान की पत्नी उसे खेत पर खाना देने गई जब वह घर लौटी तो उसने नेवले को घर के दरवाज़े पर ही देखा उसके मुंह से खून बह रहा था उसे देखते ही नेवला उसे अपना मुंह दिखाते हुए उछलने लगा ऐसा लग रहा था जैसे वह उसे कुछ बताने की कोशिश कर रहा हो किसान की पत्नी को लगा जैसे ही उसके दिल की धड़कन रुक जाएगी उसके दिमाग में आया जरूर इस नेवले ने मेरे बच्चे को मार डाला
यह बात मन में आते ही उसने जोर जोर से रोना शुरू कर दिया वह जोर जोर से रोते हुए कह रही थी दुष्ट नेवले तूने मेरे इकलौते बच्चे को मार डाला और अब उसी का खून मुझे उछल उछलकर दिखा रहा हे में तुझे छोड़ूंगी नहीं ,!
यह कहते हुए उस स्त्री ने एक मज़बूत डंडा उठाकर नेवले को पीटना शुरू कर दिया नेवला बचने के लिए इधर उधर भागा,!लेकिन वह उसे मार डालने पर तुली हुई थी आखिरकार बेचारे नेवले को पीट पीटकर मार डाला
फिर वह तेजी से अपने बेटे के कमरे में गई तो उनके होश उड़ गए उसका बेटा आराम से सो रहा था जबकि पास ही एक मरा हुआ सांप पड़ा हुआ था पल भर में वह सब कुछ समझ गई उसने नासमझी में अपने बच्चे की जान बचाने वाले नेवले को ही मार डाला था उसकी आंखों से आंसू बहने लगे ये आसू नेवले ले लिए ही थे वह रोते हुए कह रही थी काश मैंने उसे मारने से पहले एक बार अपने बच्चे को देख लिया होता तो तब मुझसे इतनी बड़ी गलती न होती
शिक्षा,: कोई भी निर्णय जल्दबाजी में मत लेना
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